Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2020 · 1 min read

हमारी पसंद अपनी निगाहों से न तोलिये –आर के रस्तोगी

हमारी पसन्द अपनी निगाहो से न तोलिये |
ये दिल के मामले है, इनमे जरा न बोलिये ||

न किसी को बुरा कहे, न किसी का दिल तोडिये |
जब दिल से दिल मिल जाये,तो खुलकर बोलिये ||

चर्चा हो रही है,उनके प्यार की इस सरे बाजार में |
अगर सच है तो अपनी जबान से खुलकर बोलिये ||

करते हो अगर सच्ची मोहब्बत किसी इंसान से |
बेहिजक,बेधडक दिल के दरवाजे तुम खोलिये ||

ये दिल का मामला है,किस बख्त किस पर आ जाये |
दिल देने से पहले अपने जज्बात दिल से ही तोलिये ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

1 Like · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
मेरे सपनों में आओ . मेरे प्रभु जी
मेरे सपनों में आओ . मेरे प्रभु जी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
Teena Godhia
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
yuvraj gautam
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
Speak with your work not with your words
Speak with your work not with your words
Nupur Pathak
तुमसे मैं एक बात कहूँ
तुमसे मैं एक बात कहूँ
gurudeenverma198
सोशलमीडिया
सोशलमीडिया
लक्ष्मी सिंह
2956.*पूर्णिका*
2956.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भीख
भीख
Mukesh Kumar Sonkar
"ला-ईलाज"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
HAPPINESS!
HAPPINESS!
R. H. SRIDEVI
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*कोसी नदी के तट पर गंगा स्नान मेला 8 नवंबर 2022*
*कोसी नदी के तट पर गंगा स्नान मेला 8 नवंबर 2022*
Ravi Prakash
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
डी. के. निवातिया
दर्द लफ़ज़ों में
दर्द लफ़ज़ों में
Dr fauzia Naseem shad
उधार वो किसी का रखते नहीं,
उधार वो किसी का रखते नहीं,
Vishal babu (vishu)
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
Shweta Soni
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
Vaishaligoel
आंख से गिरे हुए आंसू,
आंख से गिरे हुए आंसू,
नेताम आर सी
अगर आप नकारात्मक हैं
अगर आप नकारात्मक हैं
*प्रणय प्रभात*
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
Mohan Pandey
ऋतुराज (घनाक्षरी )
ऋतुराज (घनाक्षरी )
डॉक्टर रागिनी
तुम ये उम्मीद मत रखना मुझसे
तुम ये उम्मीद मत रखना मुझसे
Maroof aalam
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...