हमारी देशभक्ति
जनवरी के अंतिम हफ्ते में
कुकुरमुत्ते की तरह
उग आती है
देशभक्ति
हम सब के भीतर
फिर
लहू में आ जाता है उबाल
खुद ब खुद
देशभक्ति के गाने
वन्दे मातरम्
जय हिन्द के शोर में
जगाते हैं भारत माता को
हफ्ते भर के लिए
हफ्ते भर बाद
जोश ठंडा पड़ते ही
बन्द कर देते हैं देशभक्ति को
27 हफ्तों के लिए
फिर से सन्दूक में
ये वादा देकर
फिर जगायेंगे तुम्हें
अगस्त के दूसरे हफ्ते में
पूरे उमंग और जोश के साथ
लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
भोपाल