हमारी तकदीर कोई संवारेगा!
हमारी तकदीर कोई संवारेगा!
न आरजू है न इन्तजार है अब
अपन के हाथ में कहाँ है कुछ
जो मिल जायेगा स्वीकार है सब
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
हमारी तकदीर कोई संवारेगा!
न आरजू है न इन्तजार है अब
अपन के हाथ में कहाँ है कुछ
जो मिल जायेगा स्वीकार है सब
-सिद्धार्थ गोरखपुरी