Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2024 · 1 min read

” हमारी टिप्पणियाँ “

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
===============
हम कभी -कभी किन्हीं के सांकेतिक टिप्पणियों से उनके व्यक्तित्व को समझ नहीं पाते ! पता तो तब चलता है जब आप अपने विचारों को भली भांति तर्क संगत रखते हैं ! मृदुलता ,सौम्यता , शालीनता और शिष्टाचार के परिधि में हमारी टिप्पणियां होंगीं तो विभेदों के बाबजूद भी लोग उसे सराहेंगे !
यदि इन सीमाओं को हम लांघने का प्रयत्न करते हैं तो हमारी छवि धूमिल हो जाएगी ! कभी -कभी हम उत्तेजनावश विचित्र -विचित्र शब्दों का प्रयोग करना अपनी महानता समझते हैं ! देखने और पढ़नेवाला के मन में मात्र दो बातें ही घर कर जाती हैं !
प्रथम हम चंचल हैं और
द्वितीय विषयों की गहराईयों तक अभी तक हम पहुँच नहीं पायें !
स्थानीय ,राज्य और देश की गतिविधिओं से हम भलीभांति परचित रहते हैं परन्तु आज के आधुनिक युग में हमें विश्व से जुड़ने की आवश्यकता है ! तमाम देशों की बातें ,शासन प्रणाली ,गतिविधियाँ और टीका-टिप्पणियाँ को जानना हमारा लक्ष्य होना चाहिए ! हमारे सशक्त विचार तभी उभर पाएंगे ! मूल्यांकन तो तभी संभव होगा जब हम सम्पूर्ण विश्व को अपने मानस पटल पर धरोहर की भांति रखेंगे !
==============
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
05.08.2024

Language: Hindi
Tag: लेख
56 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अंधेरे में दिया जलाया
अंधेरे में दिया जलाया
Sunil Maheshwari
नज्म- नजर मिला
नज्म- नजर मिला
Awadhesh Singh
మగువ ఓ మగువా నీకు లేదా ఓ చేరువ..
మగువ ఓ మగువా నీకు లేదా ఓ చేరువ..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कर्म
कर्म
Dhirendra Singh
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
Dr.Pratibha Prakash
"इंसान, इंसान में भगवान् ढूंढ रहे हैं ll
पूर्वार्थ
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
Ravi Prakash
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
कवि दीपक बवेजा
मेरी कविताएं पढ़ लेना
मेरी कविताएं पढ़ लेना
Satish Srijan
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
Atul "Krishn"
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
जहां प्रेम है वहां आनंदित हुआ जा सकता है, लेकिन जहां मोह है
Ravikesh Jha
"कहीं तुम"
Dr. Kishan tandon kranti
कर्मा
कर्मा
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
keotaixiu789 com
नाउम्मीदी कभी कभी
नाउम्मीदी कभी कभी
Chitra Bisht
4322.💐 *पूर्णिका* 💐
4322.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जज्बात
जज्बात
Mamta Rani
रात नहीं आती
रात नहीं आती
Madhuyanka Raj
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
M
M
*प्रणय*
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
**दुल्हन नई नवेली है**
**दुल्हन नई नवेली है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पंचवक्त्र महादेव
पंचवक्त्र महादेव
surenderpal vaidya
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
Manisha Manjari
"हर बाप ऐसा ही होता है" -कविता रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
Loading...