*** ” हमारी इसरो शक्ति…! ” ***
* सोंच के पंखों से हमने ,
उड़ना कैसे है , अंतरिक्ष में… ;
सबको दिखा दिया ।
अकेले राहों पर चलना है कैसे… ,
अब हमने दुनिया को बता दिया।
पहले ” मंगल ” की राह कठिन थी ,
अब आसान सी लगती है ।
है जहाँ…
” विक्रम-धवन और क़लाम की “, सोंच नई.. ;
अब तो ” आदित्य-मिशन ” भी ,
हमें आसान सी लगती है।
गौर से देख लो…..!
दुनिया के महाशक्ति राष्ट्र कहलाने वाले ,
अब चाँद पर ” तिरंगा ” हम लहरायेंगे।
” गगन-यान ” रथ प्रगति पथ पर है… ,
” ब्योम-मित्र ” सारथी इस रथ पर है..;
अब तो हम.. ,
अंतरिक्ष से भी छलांग लगायेंगे ।
** थोड़ी सी सहयोग की गुजारिश पर ,
तुम हमें , ना-ना कहजाते हो।
अपनी शक्ति पर ‘अभिमान ‘ रखने वाले ,
कैसे ” महाशक्ति- राष्ट्र ” कहलाते हो।
हम हैं , हिन्दुस्तानी…….! ;
जो ” शून्य ” का जन्मदाता है… ,
तुम ये सब क्यों भूल जाते हो ।
देख..!
हमारी ” अंतरिक्ष-अनुसंधान ” की शक्ति..;
एक ” यान ” से..,
सौ (१००) से भी अधिक उपग्रह ,
प्रक्षेपण कर जाते हैं ।
है न हमें , ” अभिमान…! ”
इस , ” विज्ञान-शक्ति ” पर ;
हम तो बस..
” मानव हितकर हो ” विज्ञान-शक्ति ” ,
ऐसे नित-नये अनुप्रयोग कर जाते हैं ।
जो हमसे ” सद्भाव ” रखता है.. ,
उनके अच्छे मित्र बन जाते हैं ।
और……
रखता है जो ” मत्भेद ” हमसे.. ,
उन्हें अपनी नित-नये आविष्कार से ,
हम ‘ श़बक ‘ सीखा जाते हैं ।
हमारी हौंसले और शक्ति का ,
कभी अंदाज़ न लगाना ;
हम हैं हिन्दुस्तानी ।
लेकिन…!
बढ़ाओगे हाथ यदि…
” दोस्ती या मित्रता ” का ,
तो हैं हम…
मस्त-हरफ़नमौला दिलवर जानी ।
आज धरती से चल कर हम , चाँद पर ;
पुनः ” प्रज्ञान-दीप ” जलायेंगे ।
हिंदुस्तान कैसे ” विश्व-गुरु ” है.. ,
उन महाशक्ति राष्ट्र को ;
अब..
चाँद की ध्रुवीय सतह पर..
” कदम ” रखकर बतायेंगे ।
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* बी पी पटेल *
बिलासपुर (छ.ग.)