हमारा हुआ
कभी क्यों न कोई हमारा हुआ है
जहाँ में न मेरा जमाना हुआ है
भरोसा नहीं हो रहा आज हमको
मुझे आज शायद ये धोखा हुआ है
बहुत प्यार उसको दिया था उसे जब
तभी तो हमें दिल दुखाया हुआ है
चले जो गये रूठ कर आप हम से
चले लौट आना ही सपना हुआ है
जमीं से जो चले गये है सदा को
यहाँ पर न वापस ठहरना हुआ है
डॉ मधु त्रिवेदी