हमसे बेहतर लोग।
शायद उनके सफर में मुझसे बेहतर लोग पड़ गए,
इसलिए वफ़ा किए बकैर वो आगे बड़ गए,
मोहब्बत तो मुझे उनसे थी, पर पता नहीं क्यों,
मेरी मोहब्बत का नाम पूछने को वो मेरे पीछे पड़ गए,
बताया मैंने उनको की मोहब्बत हो तुम मेरी,
बिन कहे ही वो कुछ वाहा से आगे बड़ गए,
देखा मैंने बहों में उन्हें किसी और कि,कुछ दिनों बाद,
मेरी आंखों के आंसू ज़मीं से लड़ गए,
ज़िन्दगी में मोहब्बत बस एक बार होती है,
ऐसा, बोल वो उस वक्त मुझसे ही लड़ गए,
लड़ते लड़ते बैठ गया किनारे पर मैं,
लड़ी बन कर आंख से मेरे अश्क झड़ गए,
चला वाहा से मैं,सोचा कभी ना मिलूंगा उनसे,
फिर भी कई बार उनसे हमारे रास्ते लड़ गए,
मैं वहीं था जहा उस वक्त खड़ा था इश्क में,
मैंने देख उन्हें वो तो काफ़ी ज्यादा आगे बड़ गए।