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13 May 2024 · 1 min read

हमसे नजरें चुराओगे कब तक

हमसे नजरें चुराओगे कब तक,
आइने के सामने न आओगे कब तक।

तुमको कदर नहीं है अभी मेरे प्यार की, पर मेरी मोहब्बत को समझ न पाओगे कब तक।

दिल में प्यार है तुम्हारे भी, ये बात अपने होंठों पर न लाओगे कब तक।
इतनी भी बेरुखी अच्छी नहीं, इस दिल को तड़पाओगे कब तक।

तेरे दीदार की हसरत लिए बैठें है निगाहों में, देखते हैं कि तुम न आओगे कब तक।

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