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20 Mar 2017 · 1 min read

हमराही

हमराही

मैं तेरी तू मेरा
जीवन भर का संग है।
तू मेरी मैं तेरी पत राखूं
ली सौं हमने संग है।
दुर्लभ -कठिन बहुत जीवन पथ
पर तुम संग सुगम नवरंग है।
बहुत उतार-चढ़ाव देखे हमने
हम नही ड़गमगाएं सब दंग है।
जो राह चुने मै तेरे साथ हूँ।
मै ताल तेरी तू मेरा मृदंग है।
मुझ सम कुसुम की आब तुम।
तुम संग जीवन सुरभित-सुगन्ध है।
कैसी हो परिस्थिति विकट।
हम दोनो मिल लेते निपट।
मैं राह चलूँ मनचाही।
तू साथ रहे बन परछाई।
जो चाह तेरी उसे चाह बना लूँ।
बिन किसी बाधा-कठिनाई।
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें।
बस बात हो सब मनचाही।
तुम साथ रहो मेरा साहस बनकर।
तुम हो स्वाभिमान मेरा-ए-मेरे हमराही !

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड़

Language: Hindi
699 Views
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