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6 Jun 2022 · 1 min read

हमने माना अभी

हमने माना अभी अंधेरा है ।
पास लेकिन बहुत सवेरा है।।

मैल दिल में कोई नहीं रखना ।
दिल में रब का अगर बसेरा है ।।

छीन लेता है साथ अपनों का ।
वक़्त वो बेरहम लुटेरा है ।।

सब मुसाफिर हैं मैं भी औ तू भी।
ये जहाँ तेरा है न मेरा है ।।

जा के बैठेगी अब कहाँ तितली।
फूल है और मेरा चेहरा है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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