हमने तो एक ही रास्ता चुना _ गजल/गीतिका
यह जरूरी तो नहीं ,कि सभी मेरे विचार पड़े।
जैसा मैं लिखूं कहूं उसी के हिसाब से आगे बढ़े।
पर यह तो जरूरी है सबके ही लिए,
अपना खुद का एक स्थायी विचार सिर तो चढ़े।।
कहां जाना है,क्या पाना है, नाम कैसे कमाना है।
शनै शनै ही सही, पर मंजिल तो चढ़े।।
अपने लिए तो करते हैं सभी, काम भी चलता है तभी।
कभी-कभी बेसहारों के लिए भी तो लडे।।
हमने तो एक ही रास्ता चुना है ,सपना भी मन में बुना है।
चाहेगा कोई मदद हमसे, हो जायेंगे हम तो खड़े।।
होते हैं कुछ नादान ,कहने को तो है इंसान।
छोटी सी इस जिंदगी में, छोटी-छोटी बातों पे लडे।।
राजेश व्यास अनुनय