हमने क्या खोया
ज़िन्दगी की राहों में,
आज तन्हा खुद को
बहुत पाया
ख़ाली – खाली सा
दिल लगा अपना
अपनी आंखों को भी
हमने नम पाया
ख़ामोश नज़रों की
बेबसी देखी
अपने होठों को
बे’जुबा पाया
जब भी आज़माया
हमने रिश्तों को
जिसमें अपनो को
अजनबी पाया
आज भी दिल
समझ नहीं याया
हमने क्या खोया
तुम ने क्या पाया ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद