हमने कोरेगांव लड़ा है….
बेशक ज़िल्लत भरी जिंदगी, में दिन रात निकाले हैं!
हमने कोरेगांव लड़ा है, हम वो हिम्मत वाले हैं!!
हमने हर पीढा को झेेला,
घूँट ज़लालत के लेकर !
खत्म कुप्रथाओं को किया,
हमने कुर्बानी देकर!!
चाहे,सिर धड़ से अलग हुआ,
न पैर किसी के चाटे हैं!
मूलाकरम दिया स्तन,
नंगेली ने खुद काटे हैं!!
पर मृत्यु का खौफ छोड़, संघर्ष गोद में पाले हैं!
हमने कोरेगांव लड़ा है,हम वो हिम्मत वाले हैं!!
पेरियार,ऊधम,विरसा,हम,
फूले के नव वंशज है!
हम झलकारी,ऊदादेवी,
सावित्री के अंशज हैं!!
अंगूठे को कटा दिया पर,
आग बचाकर राखी है!
सारे हक्क दिलादे जो,
वो अभी क्रांति बाकी है!!
रहे हाशिये पर बेशक,नफरत के दौर संभाले हैं!
हमने कोरेगांव लड़ा है,हम वो हिम्मत वाले हैं!!
भीमराव की कलम ने आखिर,
तलवारों को काट दिया!
जो सदियों की खाई थी,
उनको झटके में पाट दिया!!
संघर्षों की सभी कहानी,
परिभाषा भी हमसे हैं!
संविधान को जिंदा रखने,
की आशा भी हमसे हैं!!
आर्त्तनाद सदियों के हमने,परिवर्तन में ढाले है!
हमने कोरेगांव लड़ा है,हम वो हिम्मत वाले हैं!!
हम, संघर्षों से थके नहीं,
संघर्ष अभी भी जारी है!
कितने भी षडयंत्र करो पर,
अब बहुजन की बारी है!!
कदम-कदम पर जंग लड़ी हैं,
बनकर हमने फौलादें!
हम चाहे अनपढ थे लेकिन,
बनी कलैक्टर औलादें!!
बस्ती बस्ती जाकर कांशीराम ने जलाई मशालें हैं!
हमने कोरेगांव लड़ा है,हम वो हिम्मत वाले हैं!!
✍ कवि लोकेन्द्र ज़हर
Mob.9887777459