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8 Aug 2021 · 1 min read

हमदर्द

हमदर्द कैसे-कैसे हमको सता रहे हैं
कांटो की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं
मैं भी समझ रहा हूं मजबूरियों को उनकी
दिल का नहीं है रिश्ता फिर भी निभा रहे हैं

—शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
570 Views
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