Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2022 · 1 min read

हमदर्द हो जो सबका मददगार चाहिए।

गज़ल

221…..2121…..1221….212
हमदर्द हो जो सबका मददगार चाहिए।
सबका रखे जो ध्यान वो सरकार चाहिए।

सच्चाई को जो लाए भी दुनियां के सामने,
बतलाओ कोई ऐसा हो अखबार चाहिए।

महबूबा के जो दर्द हो महबूब रो भी ले,
वो आदमी भी इश्क में बीमार चाहिए।

हो काफिया रदीफ भी मतला व मक्ता भी,
ग़ज़लें लिखोगे आप तो अशआर चाहिए।

ले जाओ जिसको चाह हो दौलत ओ शोहरतें,
मुझको तो तेरा प्यार बेशुमार चाहिए।

मीनार भाई चारे की कुछ इस तरह बने,
टूटे न जो कभी भी वो दीवार चाहिए।

प्रेमी दिखेगा चैनो अमन ही हरिक तरफ,
नफ़रत को खत्म कर दें वो हथियार चाहिए।

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all
You may also like:
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
कवि रमेशराज
आप करते तो नखरे बहुत हैं
आप करते तो नखरे बहुत हैं
Dr Archana Gupta
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
Dr. Man Mohan Krishna
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही जीवन है
SHAMA PARVEEN
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
कोहराम मचा सकते हैं
कोहराम मचा सकते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
Annu Gurjar
सच्ची लगन
सच्ची लगन
Krishna Manshi
निकले थे चांद की तलाश में
निकले थे चांद की तलाश में
Dushyant Kumar Patel
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
gurudeenverma198
जो मिला ही नहीं
जो मिला ही नहीं
Dr. Rajeev Jain
जिंदगी
जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह  हौसलों से होती है , तलवारो
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
खुद को रखती हूं मैं
खुद को रखती हूं मैं
Dr fauzia Naseem shad
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या लिखूं ?
क्या लिखूं ?
Rachana
संविधान को अपना नाम देने से ज्यादा महान तो उसको बनाने वाले थ
संविधान को अपना नाम देने से ज्यादा महान तो उसको बनाने वाले थ
SPK Sachin Lodhi
नया साल
नया साल
Mahima shukla
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
कुमार
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
"साफ़गोई" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...