हमदम का साथ💕🤝
मैं सजल नयनों से देखूं क्या हो गई है घनी शाम दिल की?
हर यादें धूमिल-सी, हर बातें ये मेरी, मेरी ज़िन्दगी क्यों बोझिल बुझी-सी|
कोई कहता कुछ भी , कानों में ताकत नहीं मेरी ,न आँखें दिखाएं|
बूढ़ा हो गया है, संसार सारा, ये मन मेरा दोषी सुनता कहाँ है?
मयखाना मेरा जमाना ये सारा, गली,पेड-छाया,सडक का किनारा|
बस तेरा हंसता चेहरा निहारा, जाम-चाहतों से जाम ये हारा||
बड़ी तेज आंधी-सी बीती उमरिया।
फिसले तो संभलने का,मौका न दिया।
बशर होश आया तभी जब, मिला साथ तेरा,
इतरा रहा हूं, झूमकर खुशी में, थामे हाथ तेरा।।
रही जिंदगी तक, जुड़ी याद तुमसे,
रूठना – मनाना, मीठी बात तुमसे।
भले भाल झुर्री,सफेद केशबंधन,
पलक श्वेत हों भी, न घटे राग – स्यंदन।।
भले ढलती शाम , पर रोशन खुशी से।
नशेमन हो खाली ,रमें मन उसी से।
फकत जिंदगी भर, रहे तू जमाना!
मेरा प्यार हमदम , एक वही आशियाना।।
कुसुम सम मन हो, व्यवहार का सौरभ।
सुवासित युगल हम, अनुरागी हो कर।।
सरस रस भरा हो, मधुरता निरंतर,
हर-अंश बांटे, सुख – दुःख समान्तर।।
तुम्हें देखकर मेरा गजल गुनगुनाना, संगीत उस पल तेरा खिलखिलाना|
अभिनेता मैं और अभिनेत्री तुम हो, बस ऐसा ही आलम ,ऐसी फिल्म हो।।