हफ्ते भर का मोहब्बत
ये मोहब्बत का हफ़्ता है
या हफ़्ते भर की मोहब्बत है
समझ मे नहीं आ रहा,
हमारी चाहत है
ऐसे भी रिश्ते मे
गुलाब देने से ज्यादा
गुलाब की तरह रिश्ते
को सम्भालना भी
मोहब्बत है।
हम अपनी इस मुहब्बत
का लो अब
इज़हार करते हैं
तुम्हीं चाहत हमारी हो
तुम्हें हो हकदार इसके
संजोया है जिसे
हर इक ग़ज़ल
हर इक तराने में
वो हो मोहब्बत तुम्हीं और
हम तुम्हीं से प्यार करते हैं
#किसानपुत्री_शोभा_यादव