हनुमान पर दोहे
करूँ जोड़कर वन्दना, पवन पुत्र हनुमान।
दूर करो विपदा सभी, धरूँ आपका ध्यान।।1
रामचन्द्र जी के सदा, पूर्ण करे सब काज।
सीता माँ की खोज की, मिला बिभीषन राज।।2
प्रिय सेवक श्रीराम के, महावीर हनुमंत।
वज्र देह है आपकी, गाथा बड़ी अनंत।।3
डरते भूत पिसाच हैं, सुनकर हनुमत नाम।
जिसने सुमिरन है किया, हुए सिद्धि सब काम।।4
श्रद्धा से जो पूजता, रोग दोष हों नष्ट।
सफल तुम्हारे काम हों, नही रहेगा कष्ट।।5
अदम्य