हद
प्रेम की हद कहाँ तक है कोई बता दो ना
उसे कहाँ तक प्यार करूं कोई बता दो ना
वो रूठ गई है मेरी नादान हरकतों से
ये नादानी अब ना होगी, उसे कोई बता दो ना
छुप गई है वो मेरी नज़रों से ओझल होकर
गर पता हो तुम्हें कहाँ है वो कोई बता दो ना
मिले कहीं गर वो तो घर वापिस ले आना उसे
उसकी हर चाहत पूरी होगी कोई बता दो ना
मेरे कलेजे का टुकड़ा है मेरी जान है वो
मेरी प्यारी सी बिटिया है इस जहां को कोई बता दो ना
वीर कुमार जैन
27 सितंबर 2021
बिटिया दिवस पर विशेष