Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2024 · 1 min read

हथेली में नहीं मुठ्ठी में तकदीर है,

हथेली में नहीं मुठ्ठी में तकदीर है,
आज के संघर्ष में कल की तस्वीर है।

13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
महाराणा सांगा
महाराणा सांगा
Ajay Shekhavat
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
डॉक्टर रागिनी
अब किसी से
अब किसी से
Dr fauzia Naseem shad
*
*"मजदूर की दो जून रोटी"*
Shashi kala vyas
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
राम मंदिर
राम मंदिर
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
नये साल के नये हिसाब
नये साल के नये हिसाब
Preeti Sharma Aseem
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
सांस
सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
खेल संग सगवारी पिचकारी
खेल संग सगवारी पिचकारी
Ranjeet kumar patre
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
"प्रतिष्ठा"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . नैन
दोहा पंचक. . . नैन
sushil sarna
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हमारे रक्षक
हमारे रक्षक
करन ''केसरा''
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
The_dk_poetry
अपना माना था दिल ने जिसे
अपना माना था दिल ने जिसे
Mamta Rani
मईया रानी
मईया रानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
DrLakshman Jha Parimal
हाइकु : रोहित वेमुला की ’बलिदान’ आत्महत्या पर / मुसाफ़िर बैठा
हाइकु : रोहित वेमुला की ’बलिदान’ आत्महत्या पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
फूल ही फूल संग
फूल ही फूल संग
Neeraj Agarwal
तुझे पन्नों में उतार कर
तुझे पन्नों में उतार कर
Seema gupta,Alwar
मातृस्वरूपा प्रकृति
मातृस्वरूपा प्रकृति
ऋचा पाठक पंत
■ बिल्ली लड़ाओ, रोटी खाओ अभियान जारी।
■ बिल्ली लड़ाओ, रोटी खाओ अभियान जारी।
*प्रणय प्रभात*
Loading...