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8 Sep 2023 · 1 min read

*हथेली पर बन जान ना आए*

हथेली पर बन जान ना आए
*************************

कह दो तेरी काली जुल्फों को,
लटे बन रुखसार पर ना आए।

पिलाओ ना यूँ बूँदें अश्कों की,
गमों का लब पर जाम ना आए।

झुका लो ना पलकें आँखों की,
लबों पर बिसरा नाम ना आए।

बांहों में लेकर थाम लो अपनी,
कहीं निकल यूँ प्राण ना आए।

मुझे भी तो जान लो मनसीरत,
हथेली पर बन जान ना आए।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
154 Views
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