*हजारों पर्वतों-झीलों, नदी का देश है भारत (मुक्तक)*
हजारों पर्वतों-झीलों, नदी का देश है भारत (मुक्तक)
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पुरातन सभ्यता अनगिन, सदी का देश है भारत
सदा फल-फूल से डाली, लदी का देश है भारत
यहॉं ऋतुओं के सारे रंग, धरती पर बिखरते हैं
हजारों पर्वतों-झीलों, नदी का देश है भारत
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451