” हक “
कुछ लोग आके हक जताते हैं जिंदगी में ,
कुछ लोग बीन मांगे हक दे जाते हैं जिंदगी में ।
कभी हम भी जताने लगते हैं हक किसी के जिंदगी में ,
कभी वो भी बता जाते हैं हमारा हक उसकी जिंदगी में ।।
हक का एक मंजर भी ना रह जाता हैं जिंदगी में ,
बीन हक के रह जाता अधुरा रिश्ता जिंदगी में ।
कुछ लोग बीन बोले ले जाते हैं हक जिंदगी में ,
सिर्फ यादों पर ही रह जाता है हक जिंदगी में ।।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली