हकदार
अब वो मेरे जज्बात नहीं समझते ,
सीधे सीधे कहता हूँ मगर बात नहीं समझते ।
रखता हूँ दिल में जिसे अपनी जागीर समझ कर ,
वो मुझे अब अपना हक़दार नहीं समझते ।।
अब वो मेरे जज्बात नहीं समझते ,
सीधे सीधे कहता हूँ मगर बात नहीं समझते ।
रखता हूँ दिल में जिसे अपनी जागीर समझ कर ,
वो मुझे अब अपना हक़दार नहीं समझते ।।