“हंस लेती हूँ”
हंस लेती हूँ, हर बात पे
गम छुपा लेती हूँ मैं अक्सर
हर रस्म निभा जाती हूँ
हाँ! हाथ सबसे मिला लेती हूँ
हंसते हुए चेहरे को देख दुनिया
दु खी हूँ कुछ कह नहीं पाती हूँ
सबसे हाथ मिला हंस जाती हूँ
दर्द छुपा हां, कुछ पल हंस लेती हूँ
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़ (हरियाणा)