हंसी
मैं एक जोकर हूँ
दिल में छिपे गम के पहाड़ से
खोज कर हंसी लाता हूँ।
तभी तो सामने बैठे हुए लोगों को
एक पल के लिए ही सही
मैं हंसा तो पाता हूँ।।
मैं कब हंसा था मुझे ये याद ही नही
लोगों को हंसाता हूँ
तो मैं मेरा पेट भरता हूँ।
और हंसी की खोज में जब
दिल के गमों को कुरेदता हूँ
तुम क्या जानो मैं रोज़ मरता हूँ।।