हंसता है दिल इश्क़ में या रो रहा है
हंसता है दिल इश्क़ में या रो रहा है
या कोई आँखों को धोखा हो रहा है
चाहिए कोई तो सुने सुनाये दिल की
जूस्तज़ु में उसकी ये कहीं खो रहा है
फ़ैसले किये नहीं सोच समझ के जिसने
गहुओं के खेत में बथुआ बो रहा है
ज़हन पे सर-काँधे पे या दिल पे कोई
यहाँ जिंदगी को हर कोई ढो रहा है
आँख का पानी है इसे गम नहीं कहते
धुँधला सी गई आँखों को धो रहा है
यक़ीनन गया नहीं फूलों की बस्ती में
मसल के लेता खुश्बुएं जो रहा है
मुद्दत से न मिला कभी जवाब इसका’सरु’
कौन जागे है मुझमें कौन सो रहा है