हंसता हुआ चेहरा है।
उनको ये हाल ए ज़िन्दगी बता भी नही सकते।
कमबख्त गमों को उनसे छिपा भी नही सकते।।1।।
अब क्या दर्द दे दे हम उन्हें अपनी जिंदगीं के।
हंसता हुआ है चेहरा उसे रुला भी नही सकते।।2।।
बड़ा हकीकी सुकून था आज उसके चेहरे पे।
मुद्दतो बाद सोया है उसे जगा भी नही सकते।।3।।
मोहब्बत में उनके अपनो ने ही मारा है हमको।
मिले ज़ख्मों को यूँ उन्हें दिखा भी नही सकते।।4।।
बेखबर बैठे है दूसरे के पहलू में मेरे ही सामने
अपने है फिर भी हम यह जता भी नही सकते।।5।।
माजी में हम भी थे काली दुनिया के बादशाह।
बताकर उनको सब उन्हें गवां भी नही सकते।।6।।
ना याद आये हमें वो दुश्मनी के दौर के किस्से।
उनकी खता को हम ऐसे भुला भी नही सकते।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ