Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2023 · 1 min read

*हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)*

हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)
—————————————-
1)
हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं
यह हंगामेबाज सिर्फ, चर्चाओं से घबराते हैं
2)
हमने उनसे कहा बहस, करनी है यदि तो बहस करो
उत्तर में वह नारे लाए, नारे सिर्फ लगाते हैं
3)
संवाद-प्रक्रिया तर्क सहित, आगे कहीं न बढ़ जाए
रोड़े शब्दों के पथ पर, इसलिए मूढ़ अटकाते हैं
4)
ऊपर से सब ठीक-ठाक है, अंदर से भारी गड़बड़
षड्यंत्रों के सूत्र अगर, जोड़ो तो सिर चकराते हैं
5)
पूर्वाग्रह से ग्रस्त हुए, पंचों के निर्णय तो देखो
मिलीभगत से कुटिल फैसले, करके यह मुस्काते हैं
—————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

123 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
रेत पर
रेत पर
Shweta Soni
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रमेशराज के हास्य बालगीत
रमेशराज के हास्य बालगीत
कवि रमेशराज
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
सदा साथ रहना साथिया
सदा साथ रहना साथिया
Sudhir srivastava
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Sampada
आंसूओं की नहीं
आंसूओं की नहीं
Dr fauzia Naseem shad
जला रहा हूँ ख़ुद को
जला रहा हूँ ख़ुद को
Akash Yadav
मोदी सरकार
मोदी सरकार
उमा झा
निर्धन की  यह झोपड़ी,
निर्धन की यह झोपड़ी,
sushil sarna
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
Paras Nath Jha
सुकून
सुकून
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
Ajit Kumar "Karn"
सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
सीता स्वयंवर, सीता सजी स्वयंवर में देख माताएं मन हर्षित हो गई री
Dr.sima
उम्मीद और हौंसला, हमेशा बनाये रखना
उम्मीद और हौंसला, हमेशा बनाये रखना
gurudeenverma198
sp130 पुरस्कार सम्मान
sp130 पुरस्कार सम्मान
Manoj Shrivastava
एक विद्यार्थी जब एक लड़की के तरफ आकर्षित हो जाता है बजाय कित
एक विद्यार्थी जब एक लड़की के तरफ आकर्षित हो जाता है बजाय कित
Rj Anand Prajapati
- आम मंजरी
- आम मंजरी
Madhu Shah
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
Mamta Singh Devaa
■ अवध की शाम
■ अवध की शाम
*प्रणय*
इस बुझी हुई राख में तमाम राज बाकी है
इस बुझी हुई राख में तमाम राज बाकी है
कवि दीपक बवेजा
- भाई से बड़ा नही कोई साथी -
- भाई से बड़ा नही कोई साथी -
bharat gehlot
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
शेखर सिंह
ख़ौफ़
ख़ौफ़
Shyam Sundar Subramanian
यक्षिणी-12
यक्षिणी-12
Dr MusafiR BaithA
ओम शिवाय नमः
ओम शिवाय नमः
Rambali Mishra
प्यार
प्यार
Mansi Kadam
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
3564.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...