हँसी
जब से मेरी आशिकी,
उनके दिल में जा बसी,
मैं तो हूँ पागल मगर,
है गायब उनकी भी हँसी।
@ दीपक कुमार श्रीवास्तव ” नील पदम् “
जब से मेरी आशिकी,
उनके दिल में जा बसी,
मैं तो हूँ पागल मगर,
है गायब उनकी भी हँसी।
@ दीपक कुमार श्रीवास्तव ” नील पदम् “