हँसना ही जिन्दगी है
हँसना ही जिदगी है, रोने से क्या होगा
जो देगा तुझे , वो ऊपर वाला ही देगा
कर्म करना तेरे लिए, वरदान ही होगा
हाथ पे हाथ रखने से कोई फल नहीं होगा !!
गीता का सार, गर दिल में उतार लोगे
में समझता हूँ, दुनिया में दुःख नहीं होंगे
जीवन का यथार्थ स्वीकार कर लोगे
चिंता फ़िक्र सब, पल में काफूर होंगे !!
जीवन देना और लेना सब उसके हाथ है
फिर क्यूं बन्दे करता अपने को बर्बाद है
तेरी हर इक सांस पर लिखा हुआ है नाम उसका
इस लिए लेते रहो हर दम नाम बस उसका !!
चरणों में उस प्रभु के अपना नमन रोज किया करो
चाहे मंदिर, मस्जिद , चर्च या गुरूद्वारे किया करो
होगा उसका आशीर्वाद तो मलाल नहीं होगा
जिन्दगी में खुशिओं का गीता सार उस में होगा !!
में “अजीत” गुजारिश यही करता हूँ रोज खुश रहा करो
तन मन धन से खुश रहकर जीवन अपना जिया करो
कुछ नहीं रखा है, चिंता कर, जीवन जीने में
नाम प्रभु का ले कर सिमरन अरदास रोजाना किया करो !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ