हँसती हुई लड़की
मैं तुम्हारे आँसू तो नहीं पोंछ पाऊंँगा
मग़र तुम रो लेना
शायद तुम्हारी आँखों की पवित्र बूंँदों से
हवा में घुली नफ़रत, पिघल जाए !
मैं तुम्हारे साथ मुस्कुरा तो नहीं पाऊंँगा
मग़र तुम खिलखिला लेना
शायद इस दुनिया को एहसास हो
कि हँसती हुई लड़की
सुन्दर होने के साथ-साथ
दुखी भी होती है !
मैं तुम्हारे साथ गा तो नहीं पाऊंँगा
मग़र तुम गुनगुना लेना
शायद तुम्हारे करुण स्वर से
लौट आयें सभी कवि
अपनी कविताओं के पास !!!!!!
-आकाश अगम