हँसता हुआ चेहरा, यू रूठ गया.
हँसता हुआ चेहरा, यू रूठ गया.
माँ से मिलने वाला लड़का, रास्ता भूल गया..
घर से दूर न रहने वाला लड़का.
पैसा मिलते ही बाप की लाठी भूल गया..
राह ताकती, तपती, बूढ़ी आंखों ने.
धुंधले लोगों को भी बेटा कहकर देख लिया..
दुःख में भी हँसता वो चेहरा, रोते-रोते टूट गया.
बाहर का न खाने वाला, इज्ज़त के कारण डूब गया..
आँगन का सूनापन, दिल के ख़ालीपन सा लगता है.
मां को मां कहने वाला लड़का, जरूरतें सारी भूल गया..
नब्ज़ नहीं चलती, अब भूख की लगता हैं!!
महीनें का आख़िरी दिन भी बैठें-बैठें बीत गया..