Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2021 · 1 min read

स्वीकार

तुमने कहा मैंने स्वीकार किया
मैंने कहा तुमने स्वीकार किया
बस एक मौन हाँ में हम तुम बँधे
इसलिये अब तक साथ हम चले

क्यों न कहा हुआ स्वीकार होता ?
अपने से ही तो हर इकरार होता
प्रेम माला में हम तुम है जड़े
इसलिये अब तक साथ हम चले

तुम्हारी हाँ में मुहब्बत छिपी थी
खूबसूरत हर एक भावना सजी थी
रिश्तों की डोर में हम तुम है गुँथे
इसलिये अब तक साथ हम चले

माना कि तूफान का आया था
पकड़ हाथ तुमने ही संभाला था
एक दूजे को थामे हम तुम है थमे
इसलिये अब तक साथ हम चले

Language: Hindi
80 Likes · 1 Comment · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
*यह दुर्भाग्य गृहस्थी में प्रभु, कभी किसी के लाना मत (हिंदी
*यह दुर्भाग्य गृहस्थी में प्रभु, कभी किसी के लाना मत (हिंदी
Ravi Prakash
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
Ravikesh Jha
"मत भूलना"
Dr. Kishan tandon kranti
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
चांदनी भी बहुत इतराती है
चांदनी भी बहुत इतराती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आपको हम
आपको हम
Dr fauzia Naseem shad
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं कुछ सोच रहा था
मैं कुछ सोच रहा था
Swami Ganganiya
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सावन का ,
सावन का ,
Rajesh vyas
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*प्रणय*
गमे दर्द नगमे
गमे दर्द नगमे
Monika Yadav (Rachina)
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस
Indu Singh
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके  ठाट।
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
गुमनाम 'बाबा'
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
रोशनी का पेड़
रोशनी का पेड़
Kshma Urmila
जज़्बात-ए-इश्क़
जज़्बात-ए-इश्क़
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
मैं क्यों याद करूँ उनको
मैं क्यों याद करूँ उनको
gurudeenverma198
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
Anamika Tiwari 'annpurna '
दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया
Basant Bhagawan Roy
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
चला गया आज कोई
चला गया आज कोई
Chitra Bisht
Loading...