स्वीकार कर
हृदय की गहराइयों से, स्वीकार कर स्वीकार कर।
अल्प है पर कम नहीं, प्यार कर बस प्यार कर।।1।।
दर्द है… पर भाव मेरे, तू स्वीकार कर स्वीकार कर।
ना कोई है द्वेष मन में, इजहार कर तू इकरार कर।।2।।
मैं सदा से हूँ भी तेरा, प्यार को स्वीकार कर।
तन भी तेरा मन भी तेरा, अंगीकार कर स्वीकार कर।।3।।
मैं तुझी को हूँ समर्पित, स्वीकार कर और प्यार कर।
मोह का पर्दा हटाकर, अधिकार कर स्वीकार कर।।4।।
मैं करूं कुछ काम ऐसा, दे मुझे कुछ मशवरा।
मैं जगा पाऊ इन्हें अब, दे मुझे कुछ तू सलाह।।5।।
जो तेरा हो साथ मेरे, मैं जग जगाने चल पडू।
मैं जगा पाऊं इन्हें अब, साथ तेरा हो जो मेरे।।6।।