“ स्वीकारा है सबको हमने “
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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बड़े नहीं छोटों को भी ,
अभिनंदन हम करते हैं !
प्यार से जो जुड़ना चाहें ,
स्वीकार उसे भी करते हैं !!
सब हैं अपनों में दीवाने ,
अपनी धुन के मस्ताने !
अपनी प्रतिभा फैलाकर ,
देते हैं ये दिव्य खजाने !!
शिकवा शिकायत नहीं ,
कभी हम करना चाहें !
जैसे हैं वैसे ही अपना ,
लोगों को रूप दिखाएं !!
कटुता का यहाँ स्थान ,
कभी नहीं हो सकता !
अभद्रता की भाषा में ,
दीया नहीं कभी जलता !!
जो सामने आ जाए ,
तो उसका सत्कार करें !
दिल आहत जिससे भी ,
होता उसे अस्वीकार करें !!
हम मित्र तुरंत बनकर ,
सुंदर किला बनाते हैं !
छोटी – छोटी बातों को ,
लेकर फिर उलझ जाते हैं !
बड़े नहीं छोटों को भी ,
अभिनंदन हम करते हैं !
प्यार से जो जुड़ना चाहें ,
स्वीकार उसे भी करते हैं !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
भारत