स्वामी विवेकानंद जी का संदेश
संयुक्त राष्ट्र के निर्णय के अनुसार स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। जो अपार उत्साह,तेज व ओज से परिपूर्ण थे और उन्होंने दुनिया को सही दिशा धारा दी ।
आज हमारे राष्ट्र की मांग है कि हमारी युवा पीढ़ी विवेकानंद बने। युवा उत्साह व साहस का प्रतीक है लेकिन वर्तमान समय में स्थित विपरीत है। आज का युवा निराशा से ग्रसित है, दुर्व्यसन में पड़ा है, सही ग़लत का पहचान नहीं है,यह अनमोल जिंदगी क्यों मिली है इससे भी अनभिज्ञ हैं। जब वे स्वयं के संघर्षों से नहीं लड़ पा रहे हैं तो वें समाज को क्या दिशा धारा देंगे। यही युवा पीढ़ी ऐसे कृत्यों को कर रहे हैं जो हमारी संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था, सभ्यता, संस्कार व हमारे आदर्शो पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देते हैं। हम युवा दिवस मना रहे हैं तो हमें स्वामी जी के आदर्शो को, उनके विचारों को अपने चरित्र में ढालना होगा और उन्हीं के अनुरूप एक उत्साही युवा के रूप में उभरना होगा। विवेकानंद जी ने कहा था,”व्यक्ति के विचार ही व्यक्ति को गढ़ते हैं। ” आप जैसा सोचोगे, जैसा विचार करोगे वैसे ही बनते चले जाओगे क्योंकि व्यक्ति के विचार उसके क्रिया को प्रभावित करते हैं। अतः सार्थक विचार व प्रबल पुरुषार्थ करते हुए जीवन को सारगर्भित बनाए।
।।रुचि दूबे।।