स्वामी जी के सपनों का, सारे जग को घर एक बनाएं
स्वामी जी के सपनों का, सारे जग को घर एक बनाएं
उत्तिष्ठत जाग्रत मंत्र सभी जीवन में अपनाएं
आओ उतारें अंतस में, स्वामी जी की वाणी
एक ही घर है सारी धरती, भाई बहन सब प्राणी
उठो युवाओं जग जाओ, जागो और जगाओ
उत्तिष्ठत जागृत मंत्र धरो हिय, सेवा में जुट जाओ
मिटा दो दीन हीनता जग से,स्वामी के सपने सफल बनाओ
धो डालो सारे कलुष जहां से, शिक्षा स्वामी की अपनाओ
धर्म जाति के भेद न पालो,ऊंच-नीच के भरम नसाओ
पौरुष को फौलाद बनाकर, ज्ञान प्रकाश फैलाओ
अपने चाल और चरित्र से, दुनिया में बदलाव लाओ
आज की दुनिया को स्वामी के, विचारों की अहं जरूरत है
आतंक और अलगाववाद से, सारी दुनिया आहत है
आओ हिंसा द्वेष मिटाएं, मानव का कर्तव्य निभाएं
सारी मानवता के खातिर, प्रेम प्रकाश धरा पर लाएं
स्वामी जी के सपनों का, सारे जग को घर एक बनाएं
उत्तिष्ठत जाग्रत मंत्र सभी, जीवन में अपनाएं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी