स्वाबलंबन
स्वाबलंबन मनुज का, उत्तम सुख का कारक है
धैर्य संयम पुरुषार्थ, मनुष्य जीवन का उद्धारक है
सदगुणों से संपन्न मनुज, जीवन में उन्नति करते हैं
सद्कर्मों में लगे मनुज, समाज राष्ट्र समृद्धि करते हैं
स्वावलंबी मनुष्य ही,जग में स्वतंत्र रह सकते हैं