स्वादिष्ट खीर
देर रात तक चांँदनी में,
मांँ ने जब खीर बनाई,
चावल और दूध से भरपूर,
खोया शक्कर से स्वाद बढ़ाए,
मेवा ऊपर से मिश्रण करके,
खीर बड़ी अच्छे से सजाई,
मीठा स्वादिष्ट खीर खाने को ,
सुबह सभी के मुंह में पानी आए ,
ठंडी ठंडी खीर लेने को ,
मांँ जब रसोई के अंदर गई ,
खाली दिखा खीर का बर्तन ,
मौका पर बिल्ली चट कर गई,
सब बैठे रह गए इंतजार मेंं,
कोई न जाना माँ की खीर का स्वाद ।
रचनाकार,
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।