Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2021 · 1 min read

” स्वागत है नव-वर्ष 2021 “

?️???

स्वागत है नव-वर्ष 2021

वर्ष नव है, नव दशक, नव गीत गाएँ,
प्रेम और उल्लास का, उत्सव मनाएँ।

सर्वदा हो ध्यान, अपनी सँस्कृति का,
प्रात उठ कर, वेद की बोलें ऋचाएँ।

हरितिमा से सर्वथा, पूरित धरा हो,
हो प्रकृति से स्नेह, इक रिश्ता बनाएँ।

पुनः भारत, पथप्रदर्शक बनके उभरे,
भाव जग-कल्याण का, उर मेँ सजाएँ।

रोग, दुख होँ दूर, वर ईश्वर से माँगें,
स्वच्छता, शुचिता को, आभूषण बनाएँ।

क्षुब्ध, पीड़ित यदि कोई, ढाढ़स बँधाएँ,
हो जिसे नैराश्य, कुछ “आशा” जगाएँ..!

##———##———##———##——–

रचयिता-

Dr.asha kumar rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

Language: Hindi
Tag: गीत
22 Likes · 22 Comments · 619 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
लिखना
लिखना
Shweta Soni
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
देखिए
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
शेखर सिंह
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
मुहब्बत
मुहब्बत
बादल & बारिश
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सवालिया जिंदगी
सवालिया जिंदगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
Sunita Gupta
चुप
चुप
Ajay Mishra
जन जन में खींचतान
जन जन में खींचतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नारी है नारायणी
नारी है नारायणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बात जुबां से अब कौन निकाले
बात जुबां से अब कौन निकाले
Sandeep Pande
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
"यथार्थ प्रेम"
Dr. Kishan tandon kranti
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
अजहर अली (An Explorer of Life)
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
ख़ान इशरत परवेज़
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
मत फैला तू हाथ अब उसके सामने
मत फैला तू हाथ अब उसके सामने
gurudeenverma198
उल्फत के हर वर्क पर,
उल्फत के हर वर्क पर,
sushil sarna
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
3357.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3357.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
24 के लिए
24 के लिए
*Author प्रणय प्रभात*
न कुछ पानें की खुशी
न कुछ पानें की खुशी
Sonu sugandh
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...