स्वागत नव वर्ष
हे नव वर्ष
तुम्हारा
स्वागत है
तुम
सरस मधुर
बन कर आओ
मानवता
भाईचारे का
लाओ संदेशा
सुखी समृद्ध हो
हर नागरिक
है यही कामना
हमारी
प्रतिष्ठा बड़े
विश्व में
भारत की
करते यही प्रार्थना
ईश से
पिछले साल तो
हमने सहें हैं
दर्द अनेक
कभी बाढ़ तो
कभी अलगाव
जगमग हों
दिशा चहुंओर
भारत की
आर्थिक जगत में
भरे भारत हुंकार
हे नव वर्ष
तुम्हारा
स्वागत है
अभिवादन है
अभिनन्दन है
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल