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30 Aug 2023 · 1 min read

स्वस्थ विचार / musafir baitha

किसी भी धार्मिक अंधविश्वास और वाह्याचार के आकर्षण में हम न बंधें तो बेहतर।

वैज्ञानिक सोच को व्यवहार में जीना ही मानवीयता का मूलाधार होना चाहिए।

ब्राह्मणों के हस्तक्षेप वाले आयोजनों में तो बिलकुल ही नहीं।

रक्षाबंधन जैसे त्योहार में भी ब्राह्मण घुस गया है और उसकी दाल गलने लगी है।

इस वर्ग ने आज के लिए तय रक्षाबंधन को कल में शिफ्ट कर अपनी धर्म को मैनिपुलेट कर सकने वाली दखल और हेकड़ी साबित कर दी है।

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