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15 May 2024 · 1 min read

*स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान (गीत )*

स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान (गीत )
_________________________
स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान
1)
जब भी खोलें नेत्र जगत में, दृश्य समूचे दीखें
प्रखर रहे मस्तिष्क हमारा, सदा नया कुछ सीखें
धीमा चाहे जो भी बोले, सुनें हमारे कान
2)
जिह्वा देना ऐसी हमको, चले और मुस्काए
बोली मधुर हमारी हो जो, सब ही के मन भाए
पच जाए जो खाऍं मुख से, सौ-सौ हम पकवान
3)
हाथ हमारे करें काम सब, पैरों से चल पाऍं
अकड़े बिना सदा जीवन-भर, घुटने साथ निभाऍं
जीना चढ़कर छत पर देखें, विस्तृत गगन महान
स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान
————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
157 Views
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