Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2020 · 1 min read

स्वर्ग यहाँ, नर्क यहाँ

********स्वर्ग यहाँ, नर्क यहाँ*************
************************************

सुन लो ओ मूर्ख इंसान ,समय के बोल फरमान
नर्क यहाँ,स्वर्ग भी यहाँ, सुनो सुनाऊँ मैं दास्तान
करनी यहाँ, भरनी यहाँ,बताता हूँ मैं सुन नादान
सच्ची बातें बताता था,ब्राह्मण का बेटा अंजान
एक अर्थी गुजर रही थी,ले जा रहे दिशा शमशान
पास बैठे जन ने पूछा,तुम्हें है क्या यह संज्ञान
नर्क जाएगा या स्वर्ग ,वह जो मर गया है इंसान
ब्राह्मण सुत ने फरमाया,स्वर्ग जाएगा मृत इंसान
दूसरी अर्थी आई नजर,वह भी जा रही शमशान
तुम बताओ यह भी ज्ञानी,नर्क या स्वर्ग में प्रस्थान
ब्राह्मण सुत दिया जवाब,इसका नर्क द्वार प्रस्थान
इंद्रलोक से सुन देव गण ,बहुत हुए हैरान परेशान
हम देवगण तप कर हारे,अब तक नहीं है ये ज्ञान
पंडित सुत कैसे बन गया,यह बातें बता कर महान
इंद्रदेव आया ख्वाब में,शांत करने मन के उफान
ब्राह्मण सुत से पूछ लिया,तुम्हें कैसे आया यह ज्ञान
उसने छट से ये बता दिया,कैसे आया उसे यह ज्ञान
जिस अर्थी के पीछे-पीछे,झुंड में थे बहुत से इंसान
उसने यहाँ पर दिल जीते,सो स्वर्ग में गया वो इंसान
जिस अर्थी के पीछे-पीछे,बस थे दो चार ही इंसान
सुखविंद्र उसने दिल तोड़े,सो नर्क में गया वो इंसान

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
कृष्णकांत गुर्जर
"बताया नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
"सन्त रविदास जयन्ती" 24/02/2024 पर विशेष ...
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़िंदगी की ज़रूरत के
ज़िंदगी की ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ते की नियत
रिश्ते की नियत
पूर्वार्थ
2800. *पूर्णिका*
2800. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-417💐
💐प्रेम कौतुक-417💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er. Sanjay Shrivastava
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
“ मैथिली ग्रुप आ मिथिला राज्य ”
DrLakshman Jha Parimal
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
Stuti tiwari
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
"योगी-योगी"
*Author प्रणय प्रभात*
*यह दौर गजब का है*
*यह दौर गजब का है*
Harminder Kaur
मयस्सर नहीं अदब..
मयस्सर नहीं अदब..
Vijay kumar Pandey
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
वेदना में,हर्ष  में
वेदना में,हर्ष में
Shweta Soni
NeelPadam
NeelPadam
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
Rj Anand Prajapati
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
Anil chobisa
संवेदना ही सौन्दर्य है
संवेदना ही सौन्दर्य है
Ritu Asooja
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
Keshav kishor Kumar
लम्बा पर सकडा़ सपाट पुल
लम्बा पर सकडा़ सपाट पुल
Seema gupta,Alwar
जुनून
जुनून
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mamta Rani
खाने में हल्की रही, मधुर मूँग की दाल(कुंडलिया)
खाने में हल्की रही, मधुर मूँग की दाल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
Life
Life
C.K. Soni
Loading...