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4 Aug 2017 · 1 min read

स्वयं सुधार

स्वयं सुधार कर एक नयी शुरूआत करे
घने अज्ञान के तम मे ज्ञान का प्रभात करे
समय को बहुमूल्य समझे इसे न व्यर्थ बर्वाद करे।
बेवजह की गल्प त्यजकर. प्रगति की बात करे।
बुराइयो को निकाले मन से और उसे मात करे।
सब कुशल युक्त हो अच्छाइयां युक्त गात करे
उठे जगे श्रेष्ठ को पहचाने. और उनका ही साथ करे।

Language: Hindi
262 Views
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