Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां

कि मैं तो उगता सूरज हूं अभी दिनकर विधाओं का,
मिले आशीष तो बन जाऊं मैं भी दिव्य ज्वाला सा।
हुए प्रणम्य अपने कर्म से जो वीर भारत के,
उन्हें शत शत नमन करता हूं मन प्राणों से बंधन है।
मगर सुन लें जो बनकर बैठें हैं जयचंद्र भारत में,
कलम में ऐसी ताकत है बिखर जाएगा टुकड़ों सा
की मैं तो स्वर्णिम आभा हूं चमकते जुगनू के जैसा
मिले आशीष हूं करबद्ध तो फिर कुछ लिखूं ऐसा।
नमन कर जाए ये युग पंक्तियों को इसे स्वीकारे
लगे सबको की रचना मैं कोई तो है हरिश्चंद्र सा।

अभिषेक सोनी
(एम०एससी०, बी०एड०)
ललितपर, उत्तर–प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
डॉ० रोहित कौशिक
सफलता
सफलता
Raju Gajbhiye
dream of change in society
dream of change in society
Desert fellow Rakesh
भाई
भाई
Dr.sima
मुरली कि धुन
मुरली कि धुन
Anil chobisa
कलयुग और सतयुग
कलयुग और सतयुग
Mamta Rani
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
*जीवन को मात है (घनाक्षरी)*
*जीवन को मात है (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
बीती बिसरी
बीती बिसरी
Dr. Rajeev Jain
हम तो यही बात कहेंगे
हम तो यही बात कहेंगे
gurudeenverma198
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
Sunil Maheshwari
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अकेला बेटा........
अकेला बेटा........
पूर्वार्थ
ये दुनिया बाजार है
ये दुनिया बाजार है
नेताम आर सी
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
Neeraj Agarwal
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
Keshav kishor Kumar
This Love That Feels Right!
This Love That Feels Right!
R. H. SRIDEVI
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
Anis Shah
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
Ashish Morya
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
umesh mehra
"आत्मा के अमृत"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
नूरफातिमा खातून नूरी
वक्त नहीं
वक्त नहीं
Vandna Thakur
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
Rj Anand Prajapati
2732. 🌷पूर्णिका🌷
2732. 🌷पूर्णिका🌷
Dr.Khedu Bharti
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय प्रभात*
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
Subhash Singhai
Loading...