स्वयं आएगा
जबतक तू मुसाफिर रहेगा रास्ता रब दिखाएगा,
अगर सीखने की नियत होगी तेरी,
ईश्वर तुझे उत्तम बनाएगा,
ज्यों तुझे अभिमान इस बुद्धि पर होगा,
तेरा विवेक ही तुझे धरातल में डूबाएगा,
जो याचक बनकर झोली फैलाएगा उसके सामने,
वो तेरे गुरु के रूप में स्वयं आएगा,
वो तेरे गुरु के रूप में स्वयं आएगा।।
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चक्षिमा भारद्वाज “खुशी”