स्वप्न…!
मैंने देखा खूबसूरत स्वप्न जैसे
तुम्हे जाते हुए पुकारती हुई मैं,
मैंने देखा खूबसूरत स्वप्न जैसे
मेरे रुठ जाने पर मनाते हुए तुम,
मैंने देखा खूबसूरत स्वप्न जैसे
जीवन की कठिन से कठिन
परिस्थितियों में एक दूसरे का साथ होना,
मगर अफ़सोस वो स्वप्न
स्वप्न ही रहे कभी हक़ीक़त नहीं हुए…!
~ गरिमा प्रसाद 🥀