Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2020 · 1 min read

स्वप्न सब पूरे करेंगे, चाहे हों राहें कठिन

(डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि)

कोटि कोटि जन मानस में, कोई एक ऐंसे आते हैं
कर्म और व्यक्तित्व से जो, दुनिया को महकाते हैं
बनते हैं आदर्श जगत में, वे याद सदा आते हैं
गरीबी में पले बड़े, ढेरों उन्हें प्रणाम हैं
महान वैज्ञानिक शिक्षक राष्ट्रपति, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम है
महान प्रतिभा के धनी, एक सरल इंसान थे
कर्म पथ पर रत सदा, ज्ञान और विज्ञान थे
अनवरत मेहनत से अपनी, मिसाइलों की तकनीक दी
सादगी शिक्षण से उन्होंने आगे बढ़ने की सदा सीख दी
मां भारती के लाड़ले, बे याद हर दम आएंगे
उनके बताए मार्ग पर हम, आगे ही बढ़ते जाएंगे
कर्म ही पूजा थी उनकी, कर्म ही उनका धरम
मनुज का कल्याण पथ, ध्येय था शांति अमन
श्रद्धावनत है राष्ट्र, करते तुम्हें शत शत नमन
स्वप्न सब पूरे करेंगे, चाहे हों राहें कठिन

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
8 Likes · 6 Comments · 412 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
अश्रुऔ की धारा बह रही
अश्रुऔ की धारा बह रही
Harminder Kaur
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
नई बहू
नई बहू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
शेखर सिंह
मैं बेटी हूँ
मैं बेटी हूँ
लक्ष्मी सिंह
करवा चौथ
करवा चौथ
नवीन जोशी 'नवल'
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
मैने वक्त को कहा
मैने वक्त को कहा
हिमांशु Kulshrestha
"दास्तान"
Dr. Kishan tandon kranti
2972.*पूर्णिका*
2972.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू आ पास पहलू में मेरे।
तू आ पास पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
नूतन वर्ष
नूतन वर्ष
Madhavi Srivastava
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
#उलझन
#उलझन
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत
रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत
कवि अनिल कुमार पँचोली
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
Atul "Krishn"
*मस्ती भीतर की खुशी, मस्ती है अनमोल (कुंडलिया)*
*मस्ती भीतर की खुशी, मस्ती है अनमोल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
शिकवा नहीं मुझे किसी से
शिकवा नहीं मुझे किसी से
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
यूं जरूरतें कभी माँ को समझाने की नहीं होती,
यूं जरूरतें कभी माँ को समझाने की नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छोड़ो  भी  यह  बात  अब , कैसे  बीती  रात ।
छोड़ो भी यह बात अब , कैसे बीती रात ।
sushil sarna
#हिरोशिमा_दिवस_आज
#हिरोशिमा_दिवस_आज
*प्रणय प्रभात*
Loading...